Not known Factual Statements About Shodashi

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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं 

षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

The supremely lovely Shodashi is united in the center in the infinite consciousness of Shiva. She removes darkness and bestows light-weight. 

ह्रीं‍मन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।

पुष्पाधिवास विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में website – tripura sundari kavach

वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।

ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।

Chanting this mantra is considered to invoke the combined energies and blessings with the goddesses connected with Just about every Bija mantra. It can be used for various applications for example attracting abundance, in search of understanding, invoking divine femininity, and fostering spiritual expansion and transformation.

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